पाठ्यक्रम
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आयु वर्ग
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विवरण
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प्रारम्भ
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आयु ४-६
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यह प्रारंभिक कार्यक्रम ४-६ आयु-वर्ग के बच्चों के लिए बनाया गया हैं। यह कार्यक्रम हिंदी भाषा का बुनियादी परिचय देता है। इस कार्यक्रम में वर्णमाला को पढ़ना (उच्चारण), लिखना, १-२५ तक गिनती, रंग, फल, जानवरों, सप्ताह, अंग इत्यादी का अध्धयन कराता हैं। इस कार्यक्रम में छोटी कवितायें एवं श्लोक भी सिखाये जाते हैं।
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प्रखर
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आयु ७-८
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यह मध्यवर्ती स्तर का पाठ्यक्रम ७-८ वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए उपयुक्त है। यह कार्यक्रम हिन्दी की वर्णमाला के (विशेषतः संयुक्त वर्णों के) पाठन, भाषण एवं लेखन पर केंदित हैं । यह कार्यक्रम इसके अतरिक्त १-१०० अंको की गणना, सप्ताह के दिन, मास, ऋतू के नाम, रिश्तो एवं संबंधो व् आकारों का भी ज्ञान प्रदान करता हैं। यह कार्यक्रम लघु संवाद, साधारण वाक्य प्रयोग, छोटे-छोटे गीतों और कविताओं, श्लोक और भारतीय परिवेश एवं संस्कृति से चयनित कहानियो और लोक-कथाओं (मुख्यतः राम, कृष्ण, नानक और बुद्ध) से परिचय प्रदान करता हैं।
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प्रबुद्ध
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आयु ८- १०
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यह अग्रिम स्तर का पाठ्यक्रम विशेष रूप से ८-१० आयु वर्ग के बच्चो को ध्यान में रखकर बनाया गया हैं। यह कार्यक्रम वर्णमाला, नाप-तौल, प्रारंभिक व्याकरण (जैसे संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण इत्यादि), पारिवारिक सम्बन्ध और रिश्तों के नाम, पर्यायवाची, शब्द विलोम, और विभिन्न आकारों के विषय में ज्ञान प्रदान करता हैं। इसके अतिरिक्त छोटे संवाद, निबंध लेखन, काव्य (पद्य), श्लोक व गीत पाठन भी सिखाया जाएगा। साथ ही भारतीय संस्कार और संस्कृति एवं पौराणिक कथाओं का भी ज्ञान प्रदान किया जाएगा।
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प्रवीण
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आयु ११+
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यह उन्नत स्तरीय पाठ्यक्रम लगभग ११ वर्ष अथवा किशोर आयुवर्ग के लिए निर्मित हैं। इसमे बृहद व्याकरण, पर्यायवाची, विलोम, प्रचलित लोकोक्ति, कहावतें एवं मुहावरे पढाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त विकसित हिन्दी ज्ञान के लिए समूह चर्चा, वाद-विवाद, निबंध लेखन, हिन्दी साहित्यकारों के लेखों एवं नाटकों के अध्ययन तथा श्लोक, गीत, पद्य (काव्य) पाठन (सस्कृत व हिन्दी) पर विशेष ध्यान दिया जाता हैं। साथ ही भारत एवं भारतीय संस्कारों, संस्कृति के विषय में मौलिक जानकारी भी दी जाती हैं। हिन्दी में प्रचलित विभिन्न बोलियों और आधुनिक व समकालीन साहित्य से संक्षिप्त परिचय भी इस कार्यक्रम के अर्न्तगत प्रदान किया जाता हैं।
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व्यक्तिगत ध्यान एवं मार्गदर्शन के लिए निजी कक्षाएं भी उपलब्ध हैं। उपलब्ध कार्यक्रमों के अतिरिक्त हिन्दी की विकसित ज्ञान हेतु भी निजी कक्षाएं उपलब्ध हैं।
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